देहरादून: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 बुधवार को संपन्न हो गया। 45 दिनों तक चले इस महापर्व में 660 मिलियन (66 करोड़) से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम बन गया।
संगम, गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पवित्र संगम स्थल पर आस्था की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए विशाल अस्थायी नगर बसाया गया। हजारों टेंट और आश्रयों की व्यवस्था की गई, जिनमें आईआरसीटीसी के “महाकुंभ ग्राम” जैसी शानदार टेंट सिटी भी शामिल थी, जहां आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
मेला क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के तहत 92 सड़कों का नवीनीकरण किया गया, 17 प्रमुख सड़कों को भव्य रूप दिया गया और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 30 पोंटून पुल बनाए गए, जिनमें कुल 3,308 पंटून का उपयोग हुआ। हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में संकेतक लगाए गए, जिससे श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश मिलने में आसानी हुई। इसके अलावा, 2,69,000 चेकर्ड प्लेट बिछाकर व्यवस्थित मार्ग तैयार किए गए। स्वच्छता बनाए रखने के लिए मोबाइल शौचालय और प्रभावी कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू की गई।
महाकुंभ 2025 के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। मेले में 2,000 से अधिक चिकित्सा कर्मी तैनात किए गए और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 23 अस्पतालों में 360 बिस्तरों की व्यवस्था की गई। चिकित्सा सेवाओं को और प्रभावी बनाने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे डॉक्टर 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में संवाद कर सके।
आयुर्वेद, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों ने भी अहम भूमिका निभाई। 1.21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इन उपचारों का लाभ उठाया, जबकि 20 आयुष अस्पतालों में 2.18 लाख से अधिक लोगों को वैकल्पिक चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की गईं। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन योग शिविरों का आयोजन किया गया।
मेले में सुरक्षा को लेकर हाईटेक इंतजाम किए गए। 50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई, जिसमें अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल थे। पूरे क्षेत्र में 2,750 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई, जबकि जल सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए गए।
भारतीय रेलवे ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाईं। प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आधारभूत ढांचे में सुधार किया गया, जबकि 1,200 अतिरिक्त बसों की सेवा भी उपलब्ध कराई गई। प्रयागराज हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण किया गया और जनवरी में 81 नई उड़ानों को जोड़ा गया, जिससे 17 शहरों को सीधे मेले से जोड़ा गया।
राज्य सरकार ने प्रयागराज में 1,000 मीट्रिक टन से अधिक अनाज का वितरण किया। इसके अलावा, प्रतिदिन 20,000 से अधिक लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया गया। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स को भी सक्रिय किया गया। स्वच्छता अभियान के तहत 22,000 से अधिक सफाईकर्मियों को तैनात किया गया, जिससे पूरे मेले को स्वच्छ बनाए रखा गया।
पीने के स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 233 वाटर एटीएम लगाए गए, जहां 24×7 आरओ शुद्ध पानी उपलब्ध रहा। फरवरी तक यह सेवा नि:शुल्क कर दी गई, जिससे लाखों श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। इन वाटर एटीएम के माध्यम से रोजाना 12,000 से 15,000 लीटर पानी वितरित किया गया, जिससे प्लास्टिक कचरे को कम करने में भी मदद मिली।
महाकुंभ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई प्रमुख हस्तियों ने संगम में पवित्र स्नान किया।
महाकुंभ 2025 की भव्यता और सफल आयोजन ने एक बार फिर भारत की अतुलनीय सांस्कृतिक विरासत और प्रशासनिक क्षमता को विश्व पटल पर स्थापित किया।