उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट स्कूल योजना को शुरू किया गया था। जिसका रिजल्ट खराब आया है। अब वही इन स्कूलों के रिजल्ट ख़राब आने से शासन ने भी यह माना है कि जल्दबाजी करने से यह गलती हुई है। वहीं इसको लेकर शिक्षा सचिव भी कहते हैं कि सीबीएसई पैटर्न को छोटी कक्षा से लागू किया जाना चाहिए था।
आपको बता दें कि 2020 में सरकार ने प्रदेश के विभिन्न राजकीय इंटर काॅलेज बिना किसी तैयारी के अटल उत्कृष्ट स्कूल घोषित कर दिया था। और बाद में इन्हें सीबीएसई से संबद्ध कर दिया गया। इसके कारण छात्र-छात्राओं को सीबीएसई से पढ़ाई और परीक्षा पैटर्न समझने में दिक्कत आई।
जिसका नतीजा यह रहा कि 12वीं की परीक्षा में आधे छात्र फेल हो गए, जबकि 10वीं का परीक्षा परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा। इस कारण बच्चे निराश हो रहे है। अब शासन का मानना है कि निराशा की वजह से बच्चे पढ़ाई छोड़ सकते है।