प्रदेश सरकार लगातार अवैध खनन पर रोक लगाने का प्रयास कर रही हैं। वहीं इसी को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें अवैध खनन परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने इस बार बजट में खनन सर्विलांस सिस्टम के लिए भी 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बताया जा रहा है कि इस बजट से प्रदेश में पहले चरण में इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट लगाए जाएंगे। इसके चालू होने से खनन ढुलान करने वाले वाहनों की एएनपीआर कैमरों समेत कई तकनीकों से चेकिंग होगी।
इससे खनन और ओवरलोडिंग वाले वाहनों को चेक गेट पर ही रोका दिया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत पूरे प्रदेश में ऐसे 40 गेट लगाए जाएंगे। वहीं दूसरे फेज में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पूरे खनन कारोबार की जीपीएस आधारित सिस्टम से निगरानी रखने की व्यवस्था की जाएगी। बता दे कि सरकार ने इस बार के बजट में नवाचार के तहत खनन सर्विलांस के लिए इस बजट का प्रावधान किया है।
बता दे कि प्रदेश में अभी तक सिर्फ खनन पट्टा निगरानी व्यवस्था और शिकायत पोर्टल संचालित थे, लेकिन इनमे शिकायत न के बराबर ही आती थी। इसमें केवल 59 शिकायतें ही खनन विभाग को प्राप्त हुई हैं। इसी को देखते हुए अवैध खनन परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने के लिए सर्विलांस सिस्टम लागू किया जा रहा है।
इसी सबंध में निदेशक खनन एसएल पेट्रिक जानकारी दी कि , इस बजट में शुरुआती चरण में चार बड़े जनपद जिसमें देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल शामिल हैं को कवर किया जाएगा। क्योंकि इन चारों जिलों में सबसे अधिक खनन होता है। इसलिए यहाँ 40 इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाए जाएंगे। वहीं यहाँ कई ऐसे भी हैं जिस पर दो-दो गेट लगाए जाने हैं।
जानकारी के अनुसार इन गेट पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरा (एएनपीआर), साधारण कैमरे और रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) जैसी व्यवस्था होती हैं। इससे पता लगाया जा सकता हैं कि किस वाहन में कौनसी खनन सामग्री भरी हुई है। जबकि इससे वाहन का रवन्ना है या नहीं इसकी भी स्वत: ही जांच हो जाएगी।