उत्तराखंड राज्य में अपनी भागीदारी देने वाले आन्दोलनकारियों को पिछले 22 सालो के उतार चढाव को देखने के बाद अब इन्हें सीधी भर्ती के पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलने का सपना पूरा होगा I यह विधेयक कैबिनेट मंजूरी और विधानसभा में पारित होने के बाद जब कानून बनेगा तो इसे 2004 से लागू करने से चार बड़े फायदे होंगे।
1 – राज्य में इस व्यवस्था के तहत सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे करीब 1700 कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। आंदोलनकारी कोटे से लगे कर्मियों की नौकरी बहाल होगी I
2 – पहले आरक्षण ने होने से 300 अभ्यर्थियों को जिनका आंदोलनकारी कोटे से लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ चयन आयोग से चयन हो चुका था। लेकिन नियम न होने की वजह से उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा सकी। अब इन चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी I
3 – आरक्षण का शासनादेश रद्द होने के बाद कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिनका परिणाम संस्थानों ने जारी नही किया था I अब इसके वापस आने से जल्द परिणाम जारी हो सकते है I
4 – नौकरी में आरक्षण मिलेगा उन राज्य के चिन्हित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को I