-एवं प्रौद्योगिकी विमर्श’ विषय पर किया मंथन
देहरादून। कंबोडिया के प्रतिनिधिमंडल ने आंचलिक विज्ञान केंद्र का भ्रमण किया । सार्वजनिक नीति और शासन प्रशिक्षण से सम्बंधित 40 कंबोडियन अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र पहुंचा। यह प्रतिनिधिमण्डल, वर्तमान में मसूरी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एन सी जी जी) में सार्वजनिक नीति और शासन पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आया हुआ है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख कंबोडियाई संस्थानों सिविल सेवा , विदेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय, महिला और सामाजिक मामलों से सम्बंधित मंत्रालय , वयोवृद्ध और युवा पुनर्वास मंत्रालय, मंत्रिपरिषद के कार्यालय, आदि के प्रतिभागी शामिल हैं।
आंचलिक विज्ञान केंद्र के भ्रमण के दौरान, कंबोडियाई अधिकारियों ने हिमालयन गैलरी, टेक्नोलॉजी गैलरी, ई- लाइब्रेरी और पर्यावरणीय विषयों को प्रदर्शित करने वाले 3डी मूवी को देखा ।
इस अवसर पर प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शासन के विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक चर्चा और प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकॉस्ट ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग और परिषद् की जानकारी दी। डॉ. बी.एस. बिष्ट, पाठ्यक्रम निदेशक, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, भारत सरकार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत कराया ।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने परिषद् की विभिन्न परियोजनाओं, गतिविधियों और नयी पहलों और कार्यक्रमों पर ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विमर्श’ विषय के अंतर्गत अपने विचार व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में कंबोडिया के प्रतिष्ठित अधिकारी , राज्य सचिव महामहिम श्रीमती मन चिंदा और महामहिम सोक सेंग यान, रॉयल स्कूल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के उपाध्यक्ष, उपस्थित थे।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन हेतु यूकॉस्ट का धन्यवाद किया। डॉ. जी.एस. रावत, पूर्व निदेशक, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई), ने “बदलती जलवायु के तहत हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखना” विषय पर प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र संवेदनशील है और उनमे जलवायु सम्बंधित विशिष्ट रणनीतियों की आवश्यकता है।
डॉ. कपिल जोशी, पूर्व पी सी सी एफ और एमेरिटस वैज्ञानिक, यूकॉस्ट, देहरादून ने आर्थिक और पर्यावरण संरक्षण में वन-आधारित उद्यमिता विकास की भूमिका पर प्रस्तुति दी। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के नवाचार और पर्यावरण विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा पंत ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम ) में महिलाओं की भागीदारी
को बढ़ावा देने की पहल शी फॉर स्टेम पर अपने विचार व्यक्त किये।