नैनीताल। हल्द्वानी में दशकों पुराने प्रसिद्ध कालूसिद्ध मंदिर को शिफ्ट करने की कवायद तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि मंदिर को सड़क से हटाकर करीब 30 फीट पीछे शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन मंदिर के महंत मंदिर शिफ्ट करने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति के साथ प्रशासन की एक बार फिर वार्ता होनी है। इसके बाद ही विधि विधान से मंदिर दूसरी जगह पर स्थापित होगा।
बता दें कि हल्द्वानी में नैनीताल रोड का चैड़ीकरण होना है, जिसकी जद में कालूसिद्ध मंदिर भी आ रहा है। इसीलिए कालूसिद्ध मंदिर को शिफ्ट किया जाना है। हालांकि मंदिर के महंत त्रिवेणीगिरि महाराज मंदिर शिफ्टिंग के खिलाफ हैं। महंत त्रिवेणीगिरि महाराज का कहना है कि दशकों पुराना हल्द्वानी का कालूसिद्ध मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में तीन संतों ने समाधि भी है, जिन्हें शिफ्ट नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगर मंदिर के साथ समाधि को शिफ्ट किया जाता है तो आस्था के साथ खिलवाड़ होगा। गौरतलब हो कि कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी शहर का रक्षक माना जाता है। हल्द्वानी का कालू सिद्ध मंदिर करीब 200 साल पुराना है। मंदिर के अंदर लगा पीपल का पेड़ भी लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां पर भगवान शनि की दशकों पुरानी मूर्ति भी है। हालांकि मंदिर में स्थित पेड़ को कहां शिफ्ट किया जाएगा, इस पर फैसला होना बाकी है। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग अशोक कुमार ने बताया कि मंदिर को शिफ्ट करने की कार्रवाई चल रही है। मंदिर कमेटी के साथ बैठक कर ही मंदिर को शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा कालाढूंगी मार्ग के चैड़ीकरण के साथ ही यहां पर एक फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाना प्रस्तावित है। लोनिवि ने इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। इस पर करीब 4.62 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. इसे जिला अनुमोदन समिति से मंजूरी के बाद रोड सेफ्टी मद के लिए भेजा गया है।
कालूसिद्ध मंदिर शिफ्ट करने की कवायद हुई तेज
आंचल ने MIT देहरादून से मॉस काम की पढ़ाई की है। इसके बाद विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में काम किया। अगस्त २०२३ से इस पोर्टल में बतौर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूर्सस हैं।