जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं सफलता हमेशा उन लोगों को ही मिलती है। कठिनाइयों का सामना कर, अपनी मेहनत, लगन और निरन्तर प्रयास से कोई भी अपनी मंजिल तक पहुंच सकता हैं। इसी बात को सच कर दिखाया है पिथौरागढ़ जिले के पाभै गांव में रहने वाली दो बहनों ने। जिन्होंने UKPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की है। दो बहनों की मेहनत और पूरे परिवार का संघर्ष उनकी सफलता का कारण हैं।
बता दे कि ये दो बहनो का नाम अर्चना पांडेय और विनीता पांडेय हैं।जिंहोने सरस्वती बालिका इंटर कालेज से अपनी पढ़ाई की। वहीं अर्चना ने MSc और फिर BEd किया। दूसरी बहन विनीता ने BSc के बाद अंग्रेजी से MA किया। बताया जा रहा है कि अर्चना और विनीता के पिता द्वारिका प्रसाद पांडेय 30 वर्ष से सरस्वती शिशु मंदिर नया बाजार में आचार्य के तौर पर कार्यरत हैं। वहीं उनकी माता भागीरथी कताई-बुनाई करने के साथ-साथ अख़बार के लिफाफे बनाने और शुभ कार्यों में मंगल गीत गाया करती हैं।
उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी माता पिता ने कभी अपने बच्चों कि पढ़ाई से समझौता नहीं किया। पिता की आय से परिवार कि जरुरते और बच्चों कि पढ़ाई पूरी करने में कठिनाइयां आ रही थी। जिसको देख उनकी अर्धांगिनी ने उनका पूरा साथ दिया। अपना सहयोग देने के लिए उन्होंने पूराने अखबारों से लिफाफा बनाना, कताई बुनाई करना और शादी में मांगल गीत गाना शुरू कर दिया।
बता दें कि ये पांडेय परिवार 20 सालों से पिथौरागढ़ जिले के भदेलबाड़ा में किराए के घर में रह रहे थे। आज पूरे परिवार को उनके संघर्षो का फल प्राप्त हुआ है। परिवार की दोनों बेटियों का चयन राज्य कर विभाग में जूनियर सहायक पद पर हुआ। यही नही बल्कि पहले भी दोनों बहनों का चयन वन आरक्षी परीक्षा में भी हो चुका है। वहीं उनका एक बेटा भी है जो अभी बैंक की तैयारी कर रहा है।
वहीं द्वारिका पांडे की बेटियों की कामयाबी ने माता पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। परिवार में खुशी मनाई जा रही है। उनके घर बधाई देने वालों कि भीड़ लगी हुई है। वहीं द्वारिका प्रसाद पांडेय ने कहा कि उनकी बेटियों ने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के अपने मेहनत से पाईं है। इसका श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं। कहा कि उनके संघर्षो के बिना यह संभव नहीं था। आज भी वह जब अपने संघर्षौ को याद करते हैं तो दोनों की पलकें भीग जाती है।