रुद्रप्रयाग: गौरकुंड हादसे के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए है। अब प्रशासन जोखिम न लेते हुए आपदा की दृष्टि से संवेदनशील अस्थाई भवनों व दुकानों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही बाबा केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में हाईवे किनारे बनाई गई अस्थाई 40 दुकानों को प्रशासन ने खाली करने के साथ ध्वस्त कर दिया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक कुल 150 दुकानें चिन्हित की गई हैं।
यह जानकारी उखीमठ के उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने दी।गौरीकुंड में प्रशासन ने आपदा की दृष्टि से खतरनाक आधा दर्जन दुकानों को हटा दिया है।जबकि एक दर्जन दुकानदारों को नोटिस भेजा है।
इधर गौरीकुंड भूस्खलन हादसे ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) की उस भूस्खलन मानचित्र रिपोर्ट पर मुहर लगाई है।उपग्रह से लिए गए चित्रों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट बताती है कि रुद्रप्रयाग जिले को देश में भूस्खलन से सबसे अधिक खतरा है।