देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बार यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शासन-प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है। खासतौर पर ट्रैफिक प्लान और होल्डिंग एरिया की व्यवस्थाओं पर जोर दिया जा रहा है।
हर साल यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिससे मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थाएं उत्पन्न हो जाती हैं। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने इस बार व्यापक स्तर पर रोड मैप तैयार किया है। यात्रा के दौरान संभावित परिस्थितियों को समझने और व्यवस्थाओं की जांच के लिए 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर बैठक हुई थी। इसमें सभी संबंधित विभागों को आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही यह भी कहा गया कि पूर्व की गलतियों को दोहराने से बचा जाए।
उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों पर जहां भी भूस्खलन की आशंका रहती है, वहां अतिरिक्त मैनपावर और मशीनें तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि यात्रा को सुगम बनाने के लिए 24 अप्रैल को भारत सरकार की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) की देखरेख में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
इस मॉक ड्रिल में चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को शामिल किया जाएगा। इसके तहत विभिन्न परिस्थितियों का आकलन किया जाएगा, जिनमें ट्रैफिक जाम, रास्ता अवरुद्ध होने जैसी चुनौतियां प्रमुख होंगी। जिलों की आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली का मूल्यांकन किया जाएगा और कमियों को दूर करने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
प्रशासन का उद्देश्य है कि इस बार चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संचालित हो।