उत्तराखंड के लिए एक बड़े ही गौरव की बात सामने आ रही है। बता दे कि इस साल प्रदेश की कई हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। बता दे कि भाषा संस्थान ने वर्ष 2023 के साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इन सम्मानित किए जाने वाले साहित्यकारों की लिस्ट में उत्तराखंड के भी कई साहित्यकारों का नाम शामिल हैं। बता दे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 21 फरवरी को इन साहित्यकारों को सम्मानित करेंगे।
नकारी के अनुसार प्रदेश के 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मानित किया जाएगा। इस लिस्ट मे गढ़वाली लोक साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए भजन सिंह सिंह पुरस्कार गिरीश सुंदरियाल को प्रदान किया जाएगा। कुमाऊंनी एवं गढ़वाली में भिन्न बोलियों एवं उप बोलियों में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए गोविंद चातक पुरस्कार डॉ. सुरेश ममगाई को दिया जाएगा। वहीं उर्दू साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार केए खान को दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
वहीं इसके अलावा मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी कथा साहित्य वर्ग में शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित डॉ. सुशील उपाध्याय को उनके उपन्यास सुनो, सबरीना के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। बता दे कि यह उपन्यास एक उज्बेकिस्तानी लड़की के संघर्ष की कहानी है। वहीं अब तक डॉ. सुशील उपाध्याय की 18 किताबें प्रकाशित हुई हैं। 21 फरवरी को आईआरडीटी सभागार में सभी को सम्मानित किया जाएगा।
वहीं इनके साथ ही दीर्घकालीन साहित्य सृजन के लिए साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही को सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव, कथा साहित्य के लिए डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी सम्मान दिया जाएगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया के अनुसार, इस वर्ष कुमाऊंनी लोक साहित्य में दीर्घकालिक साहित्य सृजन के लिए देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पंत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
इसके अलावा पंजाबी साहित्य दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए शिक्षक पूर्ण सिंह पुरस्कार प्रेम साहिल को, महाकाव्य, खंड काव्य एवं काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रो. शैलेय को, अन्य गद्य विद्या के लिए डाॅ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार डाॅ. ललित मोहन पंत को एवं साहित्य की मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं के लिए भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार से गणेश खुगशाल गणी को सम्मानित किया जाएगा ।