देहरादून: वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला द्वारा विद्यालयों और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास हेतु लिखित पुस्तक ‘चुटकी में विज्ञान’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव, उत्तराखंड शासन, एवं कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व डी.जी.पी. अनिल रतूड़ी उपस्थित रहे।
यह पुस्तक भारतीय पुरातन विज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक सिद्धांतों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करती है। इसमें प्राचीन भारतीय ऋषियों और आचार्यों द्वारा की गई खोजों पर महत्वपूर्ण सामग्री संकलित की गई है।
पुस्तक में कई ऐसे विज्ञान प्रयोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें बिना प्रयोगशाला के भी किया जा सकता है। इनमें नींबू के रस से गुलाल बनाना, ब्लैक बोर्ड से हवा में नाटकीय रोशनी उत्पन्न करना, खाद्य पदार्थों की शुद्धता की जांच, औषधीय गुणों की पहचान आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने इन प्रयोगों को बड़ी रुचि से देखा और सराहा।
मुख्य अतिथि राधा रतूड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत और उत्तराखंड के लिए यह आवश्यक है कि विज्ञान को सरल और व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत किया जाए, ताकि अधिक संख्या में विद्यार्थी और समाज इसे आत्मसात कर सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व डी.जी.पी. अनिल रतूड़ी ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें दी गई सामग्री बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि विज्ञान का मानवीकरण ही उसका असली उद्देश्य है और भारतीय ज्ञान परंपरा को विज्ञान के साथ जोड़ना आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉ. महेश भट्ट, सुरेश सजवाण, डॉ. राजेंद्र नौटियाल, डॉ. सुमित्रा नैथानी, प्रो. सुरेंद्र कुमार, श्री रोकेश जुगलान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गणेश गैरोला द्वारा किया गया।