उत्तराखंड पहले ही covid को लेकर डर बना हुआ हैं अब वहीं राजधानी देहरादून में इसी के बीच सीजनल इंफ्लुएंजा का मामला सामने आ गया है। जिसमें एक 8 साल का बच्चा इंफ्लुएंजा पॉजिटिव पाया गया है। आपको बता दे कि स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इंफ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम-बुखार के रूप में फैल रहा है। अब वहीं इस मामले को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
जानकारी के अनुसार बताए तो दून अस्पताल में एक 8 साल के बच्चे को भर्ती हुआ है। बच्चे को सीजनल इंफ्लुएंजा हो गया है। वहीं शनिवार को इंफ्लुएंजा के पांच संदिग्ध मरीजों की जांच की गई थी। जिसमें एक आठ साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बता दे कि कोविड और सीजनल इंफ्लुएंजा के लक्षण एक जैसे ही हैं। वहीं दूसरी तरफ इससे पहले एक 77 वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, फिलहाल उनका इलाज मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इंफ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम-बुखार के रूप में फैल रहा है। कई मरीजों में यह मामूली जुकाम-बुखार की तरह ही होता है। लेकिन अगर लक्षण बढ़ने लगे तो डॉक्टरी परामर्श के बाद ही दवा लेनी चाहिए। इस इंफ्लुएंजा में ज्यादातर लोगों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन खांसी को ठीक होने में दो से ज्यादा हफ्ते का समय लग जाता है।
ये है लक्षण और बचाव
सीजनल इंफ्लुएंजा में शुरुआत में नाक बहना. – तेज बुखार – खांसी होता हैं वहीं WHO के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा में बुखार, खांसी ( सूखी), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, गले में खराश और नाक बहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वायरल बीमारी होने के कारण ये किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकती है।
वहीं WHO ने यह बताया है कि इसका संक्रमण, भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये आसानी से फैल सकता है इन्फ्लूएंजा संक्रमित के छींकने और खांसने से उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं जो दूसरा व्यक्ति के सांस लेने से ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं जो उसे संक्रमित कर देते हैं। इसके अलावा किसी संक्रमित सतह को छूने से भी ये वायरस फैल सकता है। इसलिए संक्रमित को खांसते या छींकते समय मुंह को ढंकना चाहिए ,साथ ही बार-बार अपने हाथ भी धोते रहना चाहिए।