देश में लोक सभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं सभी पार्टियां जनता को लुभाने में लगी हुई है। वहीं इसी बीच बीजेपी ने भी रविवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। वहीं इसके बाद उत्तराखण्ड मीडिया प्रभारी डॉ चयनिका उनियाल ने भाजपा के इस घोषणा पत्र को लेकर घेरा है। बताया जा रहा हैं कि चयनिका ने भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टों को जुमला पत्र बताया और कहा कि आज से चार दिन बाद 21 राज्यों में 105 से अधिक सीटों पर चुनाव होने है और भारतीय जनता पार्टी अचानक गहरी नींद से जागी है। वहीं भाजपा ने 76 पन्नों का मेनिफेस्टो प्रस्तुत किया है। एक घंटा 40 मिनट की प्रेस कांफ्रेंस के बाद मीडिया से एक भी सवाल नहीं लिया गया यह भारतीय जनता पार्टी की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि एक तरफ देश महंगाई, बेरोजगारी से त्राहिमाम हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को लोगो के बीच जाकर उनके दुःख परेशानी जानने का समय तक नहीं हैं, साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मन की बात सुनाते सुनाते मोदी जी भूल ही गए की सरकारों को जनता की मन की बात भी सुननी होती हैं|
वहीं डॉ चयनिका उनियाल ने कहा कि जहाँ कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी दिसंबर 2023 में गठित हो गई थी। कांग्रेस ने इसमें भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव, लोगों की आकांक्षाएं, अपेक्षाएं और आशंकाओं को ध्यान में रखकर मेनिफेस्टो (न्याय पत्र) बनाया हैं। साथ ही पांच तरह के न्याय और 25 गारंटियो पर प्रमुखता से बात रखी गयी हैं। वहीं उन्होंने कहा कि एक तरफ जंहा कांग्रेस का मेनिफेस्टो विशेषज्ञों की राय और आमजन की भागीदारी से सवा तीन महीने में बनकर तैयार हुआ वहीँ दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की मेनिफेस्टो कमेटी 30 मार्च 2024 को गठित होती है मात्र 13 दिन पहले जब पहले चरण के चुनावो को चार दिन बचे हैं
डॉ चयनिका ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि भाजपा ने अपने जुमला पत्र में दावा किया है कि 25 करोड लोगों को गरीबी रेखा से निकाल लिया गया है और नीति आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया जा रहा है। लेकिन वही नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि देश की 20% आबादी आज ₹46 प्रतिदिन पर गुजर बसर करने के लिए मजबूर है|
वहीं उन्होंने कहा कि आज प्रतिदिन दो किसान और दो युवा आत्महत्या कर रहे हैं, भाजपा के पूरे मेनिफेस्टो में केवल दो बार रोजगार की बात की गई है। चयनिका ने कहा कि जिस देश में 65% आबादी 35 वर्ष की आयु से कम के युवाओं की हो और जब 45 साल की बेरोजगारी का आंकड़ा पार हो गया हो वहां सत्तारुड दल के मेनिफेस्टो में रोजगार का जिक्र केवल दो बार होना यह विडंबना नहीं तो और क्या है? वहीं अपने कांग्रेस के मेनिफेस्टो (न्याय पत्र) को लेकर कहा कि इसमें युवाओं के लिए 30 लाख सरकारी पदों को भरने की बात है और एक लाख सालाना शिक्षित युवा को अप्रेंटिसशिप देने की बात की गई है।
वहीं किसानो को लेकर कहा कि किसानों को एमसपी की गारंटी का जिक्र तक भाजपा के मेनिफेस्टो में नहीं हैं। किसान आन्दोलन में 700 किसान मर गए, किसानों के लिए कीले गढ़वाई गई उन्हें खालिस्तानी और आतंकवादी तक कहा गया परंतु जो उनका मुद्दा है एमएसपी उस पर भाजपा के मेनिफेस्टो में कुछ नहीं कहा गया। जबकि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में एम्एसपी की पूर्ण गारंटी दी गई है। इसके अलावा महिलाओं के बारे मे बोला कि भाजपा लखपति दीदी योजना की बात करती हैं पर उन दीदियों से जरा पूछ कर देखिए जिन्हें आटे दाल दही पर जीएसटी देना पड़ रहा है और 1200 का गैस सिलेंडर खरीदना पड़ रहा है। आज महंगाई दर 8.5% पर है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस गरीब महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना और सरकारी नौकरियों में 50% आरक्षण देने की कर रही हैं।
वहीं इसके अलावा कांग्रेस ने लोन ऋण, शिक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों पर भाजपा के मेनिफेस्टो को घेरने की कोशिश की।