उत्तराखंड में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार शहरी क्षेत्रों की ऊंची इमारतों व झुग्गी-झोपड़ी के पास भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जिसके लिए निर्वाचन कार्यालय ने कसरत शुरू कर दी है। इसी को लेकर शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी षणमुगम की अध्यक्षता में मतदान प्रतिशत बढ़ाने, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता कम करने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक हुई। बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, शहरी क्षेत्र के मतदाता मतदान के प्रति उदासीन रहते हैं।
आयोग इस बात को ध्यान में रखते हुए ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और ऊंची इमारतों के परिसरों व शहरी, अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के आसपास की झुग्गी-झोपड़ी समूहों के पास ही मतदान केंद्र बनाने के लिए मतदेय स्थलों की मानकीकरण व पुनर्निर्धारण का काम कर रहा है। वहीं इसके साथ ही वर्तमान में राज्य में स्थापित 11,647 मूल मतदेय स्थलों के पुनर्निर्धारण, संशोधन, परिवर्तन प्रस्ताव आयोग को भेजे गए हैं।
वहीं इसके अलावा पुनर्निधारण में मतदाताओं के लिए दो किमी से अधिक पैदल दूरी से 99 मतदेय स्थल नए प्रस्तावित किए गए हैं। वहीं वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 1500 से अधिक होने से पांच मतदेय स्थल बढ़ाए गए है। जिसमे कुल 104 मतदेय स्थलों की वृद्धि हुई है। एक ही भवन में एक से अधिक मतदेय स्थलों की समीक्षा में 27 मतदेय स्थलों को समायोजित कर कम किया गया है। अब समायोजन के बाद प्रदेश में मतदेय स्थलों की संख्या बढ़कर 11,724 हो गई है।