प्रदेश में टीबी मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं इन्ही प्रयासों का असर धरातल पर नजर आने लगा हैं। प्रदेश में टी0बी0 रोगियों की सेवा के लिये हजारों ने लोगों ने सामने हाथ बढ़ाकर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। वहीं इसके बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार भी सामाजिक सहभागिता के लिए सामने आए हैं वे एक मिशाल बने हैं। आपको बता दे कि नि:क्षय मित्र बन कर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दूसरी बार टीबी रोगियों को गोद लिया है। वहीं जिन रोगियों को उन्होंने पहले गोद लिया था वह आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और सामन्य जीवन जी रहे हैं।
बता दे कि राज्य स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य मे 10014 लोगों ने अभी तक निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। वहीं इसके तहत नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टी0बी0 मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2136 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं वहीं ऊधमसिंह नगर में 2205, नैनीताल 1309, देहरादून 1709, अल्मोड़ा 593, पौड़ी गढ़वाल 468, टिहरी 392, पिथौरागढ़ 255, रूद्रप्रयाग 208, चमोली 206, उत्तरकाशी 192, चम्पावत 187 तथा बागेश्वर में 154 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण हुआ है।
वहीं बुधवार 10 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा जिला क्षय रोग कार्यालय, देहरादून में नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगी को मासिक पोशाहार दिया गया। साथ ही इस दौरान उन्होंने आम जनमानस से अपील की कि समाज के सभी वर्ग आगे आकर कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग करें।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून, प्रभारी अधिकारी, एन.टी.ई.पी, उत्तराखण्ड, जिला क्षय रोग अधिकारी, देहरादून एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।