देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रातूडी ने प्रदेश भर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की।
आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने सभी कलेक्शन सेन्टर की लोकेशन मैपिंग, उनके संचालन की स्थिति, वर्तमान में उनका कितना वास्तविक उपयोग हो रहा है, इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग से मांगी है। मुख्य सचिव ने आरईएपी (ग्रामीण उघम वेग वृद्धि परियोजना) के तहत वेसाइड एमेनीटिस एवं क्लेक्शन सेन्टर निर्माण की इकाई दरों के संशोधन के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन दिया। उन्होंने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों व मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट पर अनुमोदन देते हुए आरईएपी के तहत इस क्षेत्र में 400 उघमियों को तैयार करने लक्ष्य समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने तेजपत्ता के दोहन व वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल व ओकलकान्डा ब्लॉकों में विस्तार करते हुए 500 उघमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृखंला उत्पाद विकास के तहत 728 उघमी तैयार करने, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उघमी तैयार करने, मुर्गीपालन हेतु मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के माध्यम से 503 उघमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उघमी तैयार करने के कुल 6033.59 लाख रूपये के प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने के उद्देश्य से 2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के माध्य से छोटे व उन्नत कृषि/उघान यंत्रों के वितरण के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस सम्बन्ध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इस सम्बन्ध में एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जाए। सचिवालय में आरईएपी(ग्रामीण उघम वेग वृद्धि परियोजना) की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, धीराज गर्ब्याल, अपर सचिव मनुज गोयल, विनीत कुमार सहित सभी उपायुक्त व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सीएस ने की कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब
आंचल ने MIT देहरादून से मॉस काम की पढ़ाई की है। इसके बाद विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में काम किया। अगस्त २०२३ से इस पोर्टल में बतौर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूर्सस हैं।