उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को एक बड़ी हिंसा हुई। जहाँ कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। आपको बता दे कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल को हटाने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम पहुची थी जहाँ पर अचानक स्थानीय लोगों ने हमला शुरू कर दिया। इस पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए। यही नही बल्कि उन उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी जला दिया। वहीं पथराव के साथ पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहन जला दिए गए। पुलिस ने इन लोगोँ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया, लेकिन इसके बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए, तो सबसे पहले अधिकारी जान बचाने के लिए भागे। लेकिन पुलिस व निगम टीम बड़ी मुश्किलो के बाद वहां से निकली। इस दौरान प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए हैं। वहीं इस हिंसा में पिता-पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई हैं। जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पुलिस सुरक्षा में नगर निगम की टीम बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे व धर्मस्थल को ढहाने के लिए मौके पर पहुंची थी। इसी दौरान जब जेसीबी अवैध धर्मस्थल की ओर बढ़ी स्थानीय लोग भड़क गए और पथराव करना शुरू कर दिया। वहीं पुलिस और निगम की टीम तीनों ओर से घिर गई। पथराव के साथ ही लोगो ने लोगों ने जेसीबी तोड़ दी और पुलिस की जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी।
इस समय पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया लेकिन छतों से पथराव होने से पुलिसकर्मियों को काफी मुश्किल हुई। पुलिस रोकने के लिए उपद्रवियों ने गलियों के आगे टायर जलाकर रास्ता रोक दिया। दूसरी तरफ पुलिस व निगम की टीम वहां से किसी तरह बचते-बचाते हुए निकली। कई स्थानीय लोगो ने पुलिस की मदद की उन्हे घर में पनाह दी।