उत्तराखंड के अति दुर्गम गांव को अब एक नई रोशनी मिलने जा रही है। अब प्रदेश के 51 में से 41 वाइब्रेंट विलेज को यूपीसीएल और उरेडा मिलकर बिजली से रोशन करेंगे। बता दें कि इन गांवों में अभी तक या तो आंशिक रूप से बिजली है या पूरी तरह से बिजली नहीं है। वहीं इस नई योजना के लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है इसमें यूपीसीएल व उरेडा अलग-अलग काम करेंगे।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज योजना है जिसके तहत ही राज्य के 51 गांवों का चयन हुआ है। अब इनके लिए 758 करोड़ रुपये की योजनाएं बनाई गई हैं। इनमें अधिकतर गांव ऐसे हैं, जिनमें आज तक बिजली नहीं पहुंची है। जिसके मद्देनज़र बड़े पैमाने पर इन्हें रोशन करने के लिए विद्युतीकरण की योजना बनाई गई है। वहीं जिन गांवों में आसानी से बिजली लाइन पहुंच सकती है, वहां यूपीसीएल लाइन पहुंचाएगा।
इसके अलावा जो प्रदेश के अति दुर्गम गांव हैं, वहां पर उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाएगा। इस योजना को लेकर यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमएल प्रसाद ने बताया कि विद्युतीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। निर्देश आते ही विद्युतीकरण कार्य शुरू किया जाएगा।
इसके अलावा यह के युवाओं को एक नया अवसर मिलने वाला है। वाइब्रेंट विलेज के कारण पर्यटक का आकर्षण यहाँ होगा इस लिए टूरिस्ट गाइड भी बनेंगे। स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उनके लिए स्वरोजगार के अवसर मिले। इसको लेकर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं।
इन गाँव को मिलेगी रोशनी
पुराली, मुखबा, झाला, जसपुर, हर्षिल, धराली, टोला, टिडांग, सेला, सीपू, रोंगकों, रिलकोट, पांछु, नवी, नपल्छ, मार्तोली, मारछा, कुटि, बलिंग, किमलिंग, गूंजी, गर्ब्यांग, डुग्टू, बुरफ, बिल्जु, मिलाम, सोबला, पांछु, डार, बेडा, अमाली, बगोरी, महारगों, नीति, मलारी, कोशा, कैलाशपुर, गमसाली, फरकिया, बाम्पा, माणा।