उत्तराखंड में सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई है। इस कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। बता दे कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण सम्पन्न हो गयी है। इस बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर गहनता के साथ चर्चा हुई और कई बड़े फैसले हुए हैं।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों का अधिकार वित विभाग के अधीन ही रहेगा।
उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
प्रदेश में दंगों और अशांति जैसे मामलों में सार्वजानिक सम्पत्ति को नुकशान की भरपाई के लिए वसूली नुकशान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा, जिसमें कोर्ट की तरह ही कार्यवाई होगी इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
एनआइटी सुमाड़ी के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 5.335 एकड़ भूमि तकनीकी विभाग एनआईटी को देगा। उत्तराखंड आवास नीति संशोधन नियमावली 2024 से प्रति आवास इकाई का मूल्य छह लाख है। जिसके लिए 3.50 लाख लाभार्थी वहन करते हैं। जिसको देखते हुए राज्यांश में बदलाव एक के बजाय 1.5 लाख और 50 हजार विअबलिटी गैप फंडिंग(वीजीएफ) सरकार देगी। पहले आवंटन की प्रक्रिया में राजस्व, नगर निकाय व प्राधिकरण की संयुक्त टीम होती थी, लेकिन अब प्राधिकरण ही सत्यापन करेंगे। वहीं दूसरा, 6 लाख को 7 चरण में देते थे। 9 चरण में देंगे। ये 6 लाख की सीमा में ही बढ़ा है।
बैठक में माध्यमिक शिक्षा – अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की रोक हटा दी गई है। उच्च शिक्षा में भर्ती के लिए जो समिति बनी है, वही माध्यमिक विद्यालयों में भी भर्ती करेगी। समिति ही तय करेगी कैसे हो भर्ती।
कैबिनेट ने उत्तराखंड भूतत्त्व एवं खनिकर्म विभाग के दो अधिकारियों के पदनाम में संशोधन हुआ। वहीं चार जिलों में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर के फैमिली कोर्ट्स में चाइल्ड और जनरल काउंसेलर का एक-एक पद होगा।