आजकल सभी के पास स्मार्टफोन है। वहीं सभी के स्मार्टफोन मे Google Chrome जरूर होता है। यह एक ऐसा ब्राउजर है जिसका दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। बता दे कि इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी भी तरह के सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं है। ये फ्री मे यूजर्स को सुविधा देता हैं। लेकिन अब ये फ्री की सुविधा खत्म होने वाली हैं। जी हाँ, अब गूगल क्रोम इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को इसे यूज करने के लिए पैसे देने होंगे। बताया जा रहा है कि गूगल क्रोम की शुल्क आधारित सर्विस लॉन्च होने जा रही है। इसका मतलब ये है कि अब गूगल क्रोम का इंटरप्राइज वर्जन पेड होने जा रहा है। यानी यूजर्स को क्रोम इस्तेमाल करने के लिए पैसे देने होंगे।
जानकारी के अनुसार बता कि हाल में ही गूगल क्रोम के इंटरप्राइज वर्जन में प्रीमियम फीचर जोड़ा गया है। इस फीचर्स को ऑर्गेनाइजेशन और बिजनेस को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया दिया है। वहीं इसको लेकर गूगल का कहना है कि क्रोम के इंटरप्राइज प्रीमियम के साथ ऑर्गेनाइजेशन और बिजनेस को अतिरिक्त सिक्योरिटी मिलेगी। मतलब ये है कि कंपनी ने कुछ सिक्योरिटी फीचर जोड़े हैं जिनके बदले यूजर्स को पैसे देने होंगे। बता दे कि गूगल क्रोम के इंटरप्राइज वर्जन के साथ आईटी एडमिन कंट्रोल जैसे ब्राउजर सेटिंग और एप्स इंटरप्राइज का एक्सेस मिलता है। जिसमें गूगल क्रोम के इस वर्जन के साथ डाटा प्रोटेक्शन, मैलवेयर गार्डऔर पिशिंग प्रोटेक्शन मिलता है।
बताया जा रहा है कि इस नए फीचर्स के जुड़ने से गूगल क्रोम के इंटरप्राइज वर्जन के लिए 6 डॉलर यानी करीब 480 रुपये प्रति महीने देने होंगे। वहीं यूजर्स को गूगल क्रोम इंटरप्राइज के साथ दो ऑप्शन मिलेंगे जिनमें एक Core होगा जो कि फ्री है और दूसरा प्रीमियम है जो कि पेड है। इस प्रीमियम वर्जन को गूगल खासतौर पर मैलवेयर स्कैन जैसे सिक्योरिटी के लिए प्रमोट कर रहा है। परिणामस्वरूप गूगल के इस फैसले से मोबाइल यूजर्स और आम यूजर्स प्रभावित नहीं होंगे। पहले जैसे ही गूगल क्रोम का फ्री में इस्तेमाल करते रहेंगे। गूगल ने सिर्फ गूगल क्रोम का इंटरप्राइज वर्जन पेड किया है ना कि रेगुलर वर्जन।