हरिद्वार की हरकी पैड़ी के पास सुभाष घाट पर सोमवार को दिल्ली से भागकर हरिद्वार आए नाबालिग भाई-बहन भीख मांगते हुए मिले। हालांकि इन दोनो नाबालिको को मानव तस्करी निरोधक दस्ता (एएचटीयू) की टीम ने उनके पिता को सौप दिया है। वहीं अपने बच्चों को देखकर पिता की आंखें भर आई।
इस मामले के बारे में सीओ सिटी जूही मनराल ने बताया कि 13 दिसंबर को दस्ता की टीम गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान टीम को सुभाष घाट पर 10 वर्षीय बालक और 14 वर्षीय बालिका मिली। जब दोनो से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह खजूरी खास, उत्तर पूर्वी दिल्ली के रहने वाले हैं। दोनो घर में बिना बताए हरिद्वार आ गए। जिसके बाद अब टीम दोनों को अपने साथ ले गई और परिजनों की तलाश शुरू कर दी थी।
तलाश के बाद परिजनों से संपर्क हुआ और वहीं सोमवार को दोनों बच्चों के पिता हरिद्वार पहुंचे और बच्चों को उनके हवाले कर दिया गया। वहीं बच्चो के पिता ने बताया, पत्नी का छह साल पहले निधन हो चुका है। हाल ही में वह 15 दिन पहले काम की तलाश में बाहर गया था। जब वापस घर आया तो मकान मालिक ने बताया कि उसके बच्चे पांच दिन से घर ही नहीं आए हैं। इसके बाद से वह खुद अपने बच्चो की तलाश लगा हुआ था।