राजधानी देहरादून में मुख्य परेड से पहले डिप्टी कमांडेंट परेड में कैडेट्स ने अपना जज्बा दिखाया और कदमताल की। बता दे कि इन कैडेट्स ड्रिल स्क्वायर पर परेड करते हुए अपना जोश दिखाया। परेड के उपरांत जैसे ही उन्होंने प्रथम पग भरा तो हेलीकॉप्टरों से उन पर पुष्पवर्षा हुई। इस मौके पर आईएमए के डिप्टी कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल आलोक जोशी ने परेड की सलामी ली।
वहीं मंगलवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) कैडेट ने कदमताल की। वहीं यहां से नौ दिसंबर को 372 कैडेट पास आउट होंगे। जिनमे से 343 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि 29 विदेशी कैडेट हैं। इस दौरान डिप्टी कमांडेंट ने कैडेट्स की सराहना करते हुए उन्हें भारतीय सेना का बेहतरीन अधिकारी बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज प्रशिक्षकों के प्रयास और जेंटलमैन कैडेट्स की कड़ी मेहनत ड्रिल स्क्वायर पर दिखाई दे रही है।
डिप्टी कमांडेंट ने कैडेट्स से कहा वे अच्छे आचरण व पराक्रम के साथ एक योद्धा की जिम्मेदारियां निभाएं। उन्होंने कहा कि सभी सैन्य अफसर की अपने हर एक जवान के प्रति जिम्मेदारी बनती है कि उसके भरोसे पर खरा उतरे। साथ ही ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि जवान गर्व से आपकी ओर देखें। यही अकादमी में सिखाया भी गया है।
इसके अलावा डिप्टी कमांडेंट ने कैडेट से कहा कि भारतीय सैन्य दस्ता दुनिया में सबसे अच्छा, दिल से सरल, वफादार और देशभक्ति से भरा है लेकिन एक अधिकारी के रूप में आपको अपने इरादे और कार्यों की सत्यता व पवित्रता के आधार पर सैनिकों का सम्मान और विश्वास हासिल करना होगा। इसके अलावा विदेशी कैडेट्स ने यहां न सिर्फ जीवनभर के लिए दोस्त बनाए हैं बल्कि अपने देश का भी बहुत अच्छे ढंग से प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही उन्होंने 12 अन्य देशों के कैडेटों को भी शुभकामनाएं दी और कहा कि उम्मीद है कि जो उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में सीखा है, उन्हें आत्मसात कर अपने देश का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व करेंगे।