प्रदेश में धामी सरकार लगातार जीरो टोलरेंस का दावा कर रही है। वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सख्त रुख अपना रही है। इसी बीच अब टिहरी घनसाली नगर पंचायत से एक मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यहां राज्य वित्त/15वां वित्त/निकाय निधि के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से निकाय क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए निविदा निकाली गई थी। लेकिन इस निविदा की सूचना नगर पंचायत कार्यलय के पटल पर नहीं लगी। वहीं अब आरोप लगाए जा रहे है कि नगर पंचायत इस निविदा को गुपचुप तरीके से अपने चहितों को लाभ पहुंचाने के लिए जानकारी छुपा रहा था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, इससे पहले ही मामला खुल गया। वहीं इसके बाद निविदा को निरस्त कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार घनसाली नगर पंचायत में निकाय क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्य करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। इस निकाय में पंजीकृत ठेकेदारों से दिनांक 16.03.2024 को 01 बजे तक सीलबन्द निविदाएं ली जानी थी। इसमें ठेकेदारों को निविदा प्रपत्रों का विक्रय दिनांक 13.03.2024 से दिनांक 15.03.2024 तक कार्यालय समय प्रातः 10 बजे से सांय 05 बजे तक निविदा मूल्य, जी.एस.टी. शुल्क जमा कर प्राप्त करने की बात कही गई थी। बता दे कि इसकी खबर उत्तराखंड टूडे ने प्रकाशित की थी।
वहीं शुक्रवार को निविदा की सूचना मिलने पर जब ठेकेदार निविदा के लिए आवेदन करने नगर पंचायत के कार्यालय पहुंचे। लेकिन वहां उन्हें निविदा संबंधित कोई सूचना नहीं मिली। वहीं इस दौरान ठेकेदारों के कार्यालय पहुंचने पर हंगामा हो गया। उन्होंने आरोप लगाए है कि कार्यालय में नियम अनुसार सूचना पटल पर निविदा ही नहीं लगी थी।बताया कि उन्हें इस निविदा की कहीं कोई जानकारी नहीं मिली। इनका ईओ से संपर्क भी नहीं हो पाया। वहीं इसपर सवाल उठने लगे कि जब ठेकेदारों को जानकारी ही नहीं होगी तो वह कैसे इसमें प्रतिभाग कर सकेंगे। वहीं कल इसके आवेदन की लास्ट डेट थी।
वहीं जब कार्यालय में ठेकेदार संघ ने विरोध शुरू किया तो इसके बाद आनन-फानन में निविदा निरस्त करने की सूचना कार्यालय पटल पर रख दी गई। इस पर लिखा था कि नगर पंचायत घनसाली टिहरी गढ़वाल द्वारा प्रकाशित निविदा सूचना संख्या- 504/निविदा सूचना/2023-24 दिनांक 07 मार्च 2024, अधिशासी अधिकारी द्वारा दूरभाष पर दिये गये निर्देशों के अनुपालन मे अपरिहार्य कारण से अग्रिम आदेशों तक निरस्त किया जाता है। इसी को देखते हुए अब ठेकेदार संघ ने ईओ की मंशा पर सवाल उठा रहे है। ठेकेदार संघ ने कहा कि नगर पंचायत में अधिकारियों की तानाशाही चल रही है। अधिकारी खुद को बचाने के लिए अलग अलग हथकंडे अपना रहें। इसलिए संघ ने ईओ पर कार्रवाई करने की मांग की है।