उत्तराखंड में वैसे तो आपने कई अद्भुत नज़ारे देखे हैं वहीं बहुत जल्द अब आपको यहाँ पर कांच का पुल देखने को मिलेगा। बता दे कि ये पुल वहीं बनाया जा रहा है जहां भगवान लक्ष्मण ने रस्सियों के सहारे नदी को पार किया था। करोड़ों की लागत से बन रहे कांच के पुल पार करना रोमांच से कम नही होगा। बताया जा रहा है कि लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण करने वाला है, जो लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा। जानकारी के अनुसार ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प बजरंग सेतु का आधे तक काम पूरा हो चुका है।
सभी ने ऋषिकेश में स्थित लक्ष्मण झूला के बारे में सुना जरूर है इसका अपना एक रोचक इतिहास भी है, कहा जाता हैं कि लक्ष्मण झूला भगवान लक्ष्मण का तीर्थ है। यहां पर भगवान लक्ष्मण ने ब्रह्म हत्या दोष के निवारण के लिए घोर तपस्या की थी। लक्ष्मण ने इसी स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था. इसलिए इस पुल को लक्ष्मण झूला के नाम से जाना जाता है। वहीं पुल के पश्चिमी किनारे पर एक लक्ष्मण जी का मंदिर भी है, इसी जगह पर उन्होंने घोर तपस्या की थी। जबकि यहां रेत के बने 12 ज्योर्तिलिंग भी हैं, जो भगवान लक्ष्मण ने अपने तप के दौरान बनाए थे।
वहीं बता दे कि साल 2022 में इस लक्षमण झूला पुल में आई दरारों और रस्सियों के टूटने की वजह से इस पुल को बंद कर दिया गया था। वहीं अब इसकी जगह पर कांच का एक नया पुल बनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला पुल के निकट 69.20 करोड़ की लागत बजरंग सेतु के निर्माण की शुरूआत 5 जनवरी 2022 को हुई थी। खास बात यह है कि यह पुल भारत का पहला ग्लास ब्रिज यानी कांच का पुल होगा। इस पुल का नाम बजरंग सेतु होगा। वहीं इस पुल के दोनों किनारों पर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ 65 एमएम मोटे कांच से बनाए जाएंगे। कांच की फुटपाथ वाला यह उत्तर भारत का पहला पुल होगा। इस पुल पर हल्के चौपहिया वाहन भी चल सकेंगे।