उत्तराखंड में 19 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दिन बहुत कुछ हुआ। इस लोकतंत्र के महापर्व में जहां एक तरफ लोगों में उत्साह दिखाई दिया तो कहीं बहिष्कार भी किया। इस बार वोट प्रतिशत भी कम रहा। वहीं मतदान के दिन एक अजीब मामला देखने को मिला। जहाँ एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया गया। वोट देने पहुची महिला खुद के जिंदा होने का सबूत देती रही लेकिन उसे वोट देने नहीं दिया गया। अंत में उसे बिना मतदान किए वापस लौटना पड़ा।
जानकारी के अनुसार यह मामला देहरादून के मतदान केंद्र श्री गुरुराम राय डिग्री कालेज पथरीबाग के 18 धर्मपुर भंडारी बाग का हैं। मतदान के दिन यानी शुक्रवार 19 अप्रैल को एक महिला मतदान करने के लिए मतदान की स्लिप लेकर साथ आई। लेकिन जब महिला मतदान के लिए पहुची तो बूथ अधिकारियों ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि तुम मृत हो चुकी है। इसलिए वोट नहीं डाल सकती। बताया जा रहा है कि वह महिला एक साल के बच्चे को गोद में लेकर तीन घंटे इधर-उधर चक्कर काटती रही, लेकिन उसकी बात किसी ने नही सुनी।
वहीं इस महिला का नाम साहिबा खान (33) बताया जा रहा है। महिला की वोटर लिस्ट में डिलीट लिखा हुआ था, इस कारण उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया। एक जिंदा महिला को मृत घोषित करना बहुत बड़ी लापरवाही दर्शाती हैं। यह चूक बूथ लेवल अधिकारी के स्तर पर हुई है, इसलिए उन्हें ही पता होगा कि वोटर लिस्ट में डिलीट कैसे लिखा गया। वहीं बताया जा रहा है कि इस महिला के पति मोहसिन की कुछ समय मृत्यु हो चुकी है। लेकिन पहले भी वह सभी चुनावों में प्रतिभाग करती आ रही है।
वहीं जब ये महिला मतदान के लिए गई और उसने अपनी वोटर स्लिप दिखाई तो एक बार तो बूथ पर बैठे कर्मचारी उसे देखकर चौंक गए और कहा कि तुम तो मर चुकी हो। वोट देने के लिए कैसे आ गई। तब उस महिला ने कहा कि वह जिंदा है और उसने अपने जिंदा होने के सभी दस्तावेज भी दिखाए। लेकिन अधिकारियों ने उसकी बाते अनसुनी करके कहा कि वह मतदान नहीं कर सकती। अब एक जिंदा महिला को मृत घोषित करने वाला ये मामला कई सवाल खडे कर रहा है।